अतिभूति
From जैनकोष
दारुग्राम के निवासी विमूचि ब्राह्मण तथा उसकी भावी अनुकोशा का पुत्र । यह हिंसा का समर्थक तथा मुनिद्वेषी था । इसलिए दुर्ध्यान से मरकर दुर्गति को प्राप्त हुआ था । यही आगामी भव में सीता का भाई भामंडल हुआ । महापुराण 30.116-135
दारुग्राम के निवासी विमूचि ब्राह्मण तथा उसकी भावी अनुकोशा का पुत्र । यह हिंसा का समर्थक तथा मुनिद्वेषी था । इसलिए दुर्ध्यान से मरकर दुर्गति को प्राप्त हुआ था । यही आगामी भव में सीता का भाई भामंडल हुआ । महापुराण 30.116-135