अर्द्ध मंडलीक
From जैनकोष
तिलोयपण्णत्ति/1/46 दुसहस्समउडबद्ध भुववसहो तत्थ अद्धमंडलिओ ।46।
= जो दो हजार मुकुटबद्ध राजाओं में प्रधान हो, वह अर्धमांडलीक है ।46। ( धवला 1/1, 1, 1/ गा. 41/57); ( त्रिलोकसार/685 )
राजाओं सम्बन्धित विषय राजा-2
तिलोयपण्णत्ति/1/46 दुसहस्समउडबद्ध भुववसहो तत्थ अद्धमंडलिओ ।46।
= जो दो हजार मुकुटबद्ध राजाओं में प्रधान हो, वह अर्धमांडलीक है ।46। ( धवला 1/1, 1, 1/ गा. 41/57); ( त्रिलोकसार/685 )
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