अन्वर्थ
From जैनकोष
पंचास्तिकाय संग्रह / तात्पर्यवृत्ति / गाथा 1/7/9
अन्वर्थनाम कि यादृश नाम तादृशोऽर्थः यथा तपतीति तपन आदित्य इत्यर्थः।
= जैसा नाम हो वैसा ही पदार्थ हो उसे अन्वर्थ नाम कहते हैं-जैसे जो तपता है सो तपन अर्थात् सूर्य है।
पंचास्तिकाय संग्रह / तात्पर्यवृत्ति / गाथा 1/7/9
अन्वर्थनाम कि यादृश नाम तादृशोऽर्थः यथा तपतीति तपन आदित्य इत्यर्थः।
= जैसा नाम हो वैसा ही पदार्थ हो उसे अन्वर्थ नाम कहते हैं-जैसे जो तपता है सो तपन अर्थात् सूर्य है।