महासर्वतोभद्र
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
एक व्रत–देखें सर्वतोभद्र ।
पुराणकोष से
एक व्रत । इसमें सात भाग वाला एक चौकोर प्रस्तार बनाकर एक से सात तक के अंक इस रीति से लिखे जाते हैं कि सब ओर से संख्या का जोड़ अट्ठाईस आ जाता है । इस प्रकार एक भाग के अट्ठाईस उपवास और सात पारणाओं के क्रम से सातों भागों के कुल एक सौ छियानवें उपवास और उनचास पारणाएँ की जाती है । इस महाव्रत में दो सौ पैंतालीस दिन लगते हैं । हरिवंशपुराण - 34.57-58