अतिवीर्य
From जैनकोष
(पद्मपुराण सर्ग ९/३७/श्लोक) राम लक्ष्मण के वनवास होनेपर (१) इसने भरतपर चढ़ाई कर दी (२५-२६) नर्तकियों के वेष में गुप्त रहकर (९५-९६) उन वनवासियों ने इसे वहाँ जाकर बाँध लिया (१२७-१२८) परन्तु दया पूर्ण सीताने इसे छुडा दिया (१४६) अन्त में दीक्षा ले ली (१६१)।