वसुसेन
From जैनकोष
(1) तीर्थंकर वृषभदेव के सैंतीसवें गणधर । हरिवंशपुराण - 12.61
(2) जंबूद्वीप के वत्सकावती देश में अरिष्टपुर के राजा वासव और रानी सुमित्रा का पुत्र । राजा वासव सागरसेन मुनिराज से धर्मश्रवण करके विरक्त हो गया था । उसने इसे राज्य देकर दीक्षा ले ली थी । इसकी माँ कृष्ण की पटरानी लक्ष्मणा के पूर्वभव का जीव थी । हरिवंशपुराण - 60.75-85