रूप सत्य
From जैनकोष
सत्यप्रवाद पूर्व में कथित दस प्रकार के सत्यभाषणों में एक प्रकार का सत्यभाषण । इसमें पदार्थ के न होने पर रूप मात्र की मुख्यता से कथन किया जाता है । हरिवंशपुराण - 10.91,हरिवंशपुराण - 10.99
सत्यप्रवाद पूर्व में कथित दस प्रकार के सत्यभाषणों में एक प्रकार का सत्यभाषण । इसमें पदार्थ के न होने पर रूप मात्र की मुख्यता से कथन किया जाता है । हरिवंशपुराण - 10.91,हरिवंशपुराण - 10.99