आर
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
आर या आरा, चतुर्थ नरक का प्रथम पटल है। जिसके प्रत्येक पटल की दिशा व विदिशा में 124 श्रेणीबद्ध बिल हैं।
नरक की विस्तृत जानकारी हेतु देखें नरक - 5.11।
पुराणकोष से
चौथी पृथिवी पंकप्रभा के सात प्रस्तारों के सात इंद्रक बिलों में प्रथम इंद्रक बिल । इस बिल की चारों दिशाओं में चौसठ और विदिशाओं मे साठ श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.82,129