हेतुविचय
From जैनकोष
धर्मध्यान के दस भेदों में दसवाँ भेद - तर्क का अनुसरण और स्याद्वाद आश्रम लेकर समीचीन मार्ग का ग्रहण करना अथवा उसका चिंतन करना । (हरिवंशपुराण 56.50)
धर्मध्यान के दस भेदों में दसवाँ भेद - तर्क का अनुसरण और स्याद्वाद आश्रम लेकर समीचीन मार्ग का ग्रहण करना अथवा उसका चिंतन करना । (हरिवंशपुराण 56.50)