जनपद सत्य
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
राजवार्तिक/1/20/12/75/21 ...... द्वात्रिंशज्जनपदेष्वार्यानार्यभेदेषु धर्मार्थकाममोक्षाणां प्रापकं यद्वच: तत् जनपदसत्यम् । ..... । =...... आर्य व अनार्य भेदयुक्त बत्तीस जनपदों में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रापक जो वचन वह जनपदसत्य है। ......
अधिक जानकारी के लिये देखें सत्य - 6 ।
पुराणकोष से
दस प्रकार के सत्यों मे एक सत्य । आर्य-अनार्य सभी देशों में धर्म, अर्थ काम और मोक्ष का साधक कथन जनपद सत्य होता है । हरिवंशपुराण 10. 104