राजमल्ल सत्यवाक्य
From जैनकोष
इसके राज्यकाल में ही आचार्य विद्यानंदि नं. 1 के द्वारा आप्तपरीक्षा, प्रमाणपरीक्षा, युक्तयानुशासन ये तीन ग्रंथ लिखे गये थे। समय - ई. 816-830 ( सिद्धि विनिश्चय/3 पंडित महेंद्र कुमार)।
इसके राज्यकाल में ही आचार्य विद्यानंदि नं. 1 के द्वारा आप्तपरीक्षा, प्रमाणपरीक्षा, युक्तयानुशासन ये तीन ग्रंथ लिखे गये थे। समय - ई. 816-830 ( सिद्धि विनिश्चय/3 पंडित महेंद्र कुमार)।