रूपचंद पांडेय
From जैनकोष
- कवि बनारसी दास के गुरु थे। अध्ययन के लिए सलेमपुर से बनारस आये थे। कृति - परमार्थ दोहा शतक; गीतपरमार्थी, मंगलगीत प्रबंध। समय−वि. 1693 में आगरा आये। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/255)।
- पं. बनारसी दास जी कृत समयसार नाटक के विशद टीकाकार थे। समय−वि. 1798 (हिंदी जैन साहित्य इतिहास /180 कामता)।