उपोद्धातविधि
From जैनकोष
महापुराण सर्ग संख्या 2/103
प्रकृतार्थतत्त्वस्य श्रोतृबुद्धौ समर्पणम्। उपक्रमोऽसौ विज्ञेयस्तथोपोद्धात इत्यपि ।103।
= प्रकृत-पदार्थ श्रोताओं की बुद्धि में बैठा देना उपक्रम है। इसका दूसरा नाम उपोद्घात भी है।
उपक्रम का दूसरा नाम । महापुराण 2. 103 देखें उपक्रम