दुग्धरसी व्रत
From जैनकोष
व्रत विधान सं./१०२ भाद्रपद शुक्ला १२ को केवल दूध का आहार ले। सारा समय धर्मध्यान में व्यतीत करे। इस प्रकार १२ वर्ष पर्यन्त करे। जाप्य–नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य।
व्रत विधान सं./१०२ भाद्रपद शुक्ला १२ को केवल दूध का आहार ले। सारा समय धर्मध्यान में व्यतीत करे। इस प्रकार १२ वर्ष पर्यन्त करे। जाप्य–नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य।