उज्जयिनी
From जैनकोष
शिप्रा के तट पर स्थित मालव जनपद के अंतर्गत एक नगरी । महापुराण 16.153, 29.47, 63 राजा श्रीधर्मा के बलि, बृहस्पति आदि मंत्रियों का मृतसागर मुनि से यही विवाद हुआ था और वे देवों दारा यहीं कीले गये थे तथा इस नगर से उन्हें निकाल भी दिया गया था । हरिवंशपुराण - 20.3-11 भोगों और शरीर से उदासीन लोगों का यहाँ निवास था । अपरनाम अवंति । लक्ष्मण को पति रूप में पाने का जिन कन्याओं को सौभाग्य प्राप्त हुआ था उनमें इस नगर की भी एक कन्या थी । पद्मपुराण - 33.138,145, 80.113, हरिवंशपुराण - 60.105