कैलास
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर—देखें विद्याधर ।
पुराणकोष से
(1) अष्टापद नाम से विख्यात-वर्तमान हिमालय से आगे का एक पर्वत । यह तीर्थंकर वृषभदेव की निर्वाणभूमि है । चक्रवर्ती भरत ने यहाँ महारत्नों से जटित चौबीस अर्हत् मंदिर बनवाये थे । पाँच सौ धनुष ऊँची वृषभ जिनेश की प्रतिमा भी उन्होंने यही स्थापित करायी थी । महापुराण 1.149, 4.110, 33. 11, 56, 48.107, पद्मपुराण - 4.130,पद्मपुराण - 98.63-65, हरिवंशपुराण - 13.6
(2) एक वन । हिमालय प्रदेश के वन इसी वन के अंतर्गत है । महापुराण 47.258