नियमदत्त
From जैनकोष
कुमुदावती नगरी का निवासी एक वणिक् । राजपुरोहित ने इसका धन छिपा लिया था । राजा की आज्ञा से रानी ने जुए में पुरोहित को हराकर उसकी अँगूठी जीत ली और अँगूठी को पुरोहित की पत्नी के पास भेजकर तथा इसका धन मँगाकर इसे दिया था । अंत में यह तपश्चरणपूर्वक मरकर नागकुमारों का राजा धरणेंद्र हुआ । पद्मपुराण - 5.37-42,पद्मपुराण - 5.46