नदीस्रोत न्याय
From जैनकोष
ध.१/१,१,१६/१८०/७ नदीस्रोतोन्यायेन सन्तीत्यनुवर्तमाने।=नदी स्रोतन्यास ‘सन्ति’ इस पद की अनुवृत्ति चली आती है।
ध.१/१,१,१६/१८०/७ नदीस्रोतोन्यायेन सन्तीत्यनुवर्तमाने।=नदी स्रोतन्यास ‘सन्ति’ इस पद की अनुवृत्ति चली आती है।