शल्लकी
From जैनकोष
जंबूद्वीप के निकुंज पर्वत की एक अटवी-वन। मुनि मृदुमति का जीव स्वर्ग से चयकर मायाशल्य के कारण इसी अटवी में त्रिलोककंटक नाम का हाथी हुआ था। पद्मपुराण - 85.147-163
जंबूद्वीप के निकुंज पर्वत की एक अटवी-वन। मुनि मृदुमति का जीव स्वर्ग से चयकर मायाशल्य के कारण इसी अटवी में त्रिलोककंटक नाम का हाथी हुआ था। पद्मपुराण - 85.147-163