नवविधि व्रत
From जैनकोष
किसी भी मास की चतुर्दशी से प्रारम्भ करके–चौदह रत्नों की १४ चतुर्दशी; नवनिधि की ९ नवमी; रत्नत्रय की ३ तीज; पाँच ज्ञानों की ५ पंचमी; इस प्रकार ३१ उपवास करे। नमोकार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.९२) (किशनसिंह क्रियाकोश)।