स्तनक
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
दूसरे नरक का प्रथम पटल अथवा ( त्रिलोकसार की अपेक्षा) द्वितीय नरक का द्वितीय पटल-देखें नरक - 5.11।
पुराणकोष से
दूसरे नरक के दूसरे प्रस्तार का इंद्रक बिल । इस बिल की चारों दिशाओं में एक सौ चालीस और विदिशाओं में एक सौ छत्तीस श्रेणीबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.78,हरिवंशपुराण - 4.106