लोकसेन
From जैनकोष
पंचस्तूपसंघ की गुर्वावली के अनुसार (देखें - इतिहास ) आप आचार्य गुणभद्र के प्रमुख शिष्य थे। राजा अकालवर्ष के समकालीन राजा लोकादित्य की राजधानी बङ्कापुर में रहकर, आचार्य गुणभद्र रचित अधूरे उत्तर पुराण को श्रावण कृ ५ श. ८२० में पूरा किया था। तदनुसार इनका समय−ई. ८९७−९३० (जीवन्धरचम्पू प्र./8/A. N. Up.); (म. पु./प्र. ३५/पं. पन्नालाल)− देखें - इतिहास / ७ / ७ ।