वैताढय
From जैनकोष
भरत और ऐरावत क्षेत्र के मध्य में पूर्वा पर लम्बायमान विजयार्ध पर्वत को, तथा ३२ विदेहों के ३२ विजयार्धों को वैताढय कहते हैं। हैमवत् आदि अन्य क्षेत्र के मध्य शब्दवान् आदि कूटाकार पर्वत वैताढय कहलाते हैं।– देखें - लोक / ६ , ७।
भरत और ऐरावत क्षेत्र के मध्य में पूर्वा पर लम्बायमान विजयार्ध पर्वत को, तथा ३२ विदेहों के ३२ विजयार्धों को वैताढय कहते हैं। हैमवत् आदि अन्य क्षेत्र के मध्य शब्दवान् आदि कूटाकार पर्वत वैताढय कहलाते हैं।– देखें - लोक / ६ , ७।