वैश्रवण
From जैनकोष
- प. पु. /७/श्लोक-यक्षपुर के धनिक विश्रवस का पुत्र था ।१२९ । विद्याधरों के राजा इन्द्र द्वारा प्रदत्त लंका का राज्य किया, फिर रावण द्वारा परास्त किया गया ।२४६। अन्त में दीक्षित हो गया ।२५१।
- म. पु. /६६/श्लोक-कच्छकावती देश के वीतशोक नगर का राजा था ।२ । तप कर तीर्थंकर प्रकृति का बन्ध किया और मरकर अपराजित विमान में अहमिन्द्र हुआ ।१४-१६ । यह मल्लिनाथ भगवान् का पूर्व का दूसरा भव है ।–देखें - मल्लिनाथ ।