परिवर्तना
From जैनकोष
ध.9/4,1,55/262/11 अविसरणट्ठं पुणो पुणो भावागमपरिमलणं परियट्टणा णाम। = ग्रहण किया हुआ अर्थ विस्मृत न हो जावे, एतदर्थ बार-बार भावागम का परिशीलन करना परिवर्तना है। (ध.14/5,6,12/9/5)।
ध.9/4,1,55/262/11 अविसरणट्ठं पुणो पुणो भावागमपरिमलणं परियट्टणा णाम। = ग्रहण किया हुआ अर्थ विस्मृत न हो जावे, एतदर्थ बार-बार भावागम का परिशीलन करना परिवर्तना है। (ध.14/5,6,12/9/5)।