प्रज्ञा
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == प्रज्ञा व ज्ञान में अन्तर - देखें ऋद्धि - 2.7 ।
पुराणकोष से
एक परीषह । ज्ञान का उत्कर्ष सर्वज्ञ होने तक है, इसके पूर्व ज्ञान बढ़ता रहता है, ऐसा चिन्तन करते हुए अपने विशेष ज्ञान का अभिमान न करना इस परीषह का ध्येय है । महापुराण 36.125