शर्कराप्रभा
From जैनकोष
- स.सि./३/१/२०१/८ शर्कराप्रभासहचरिता भूमि: शर्कराप्रभा। ...एता: संज्ञा अनेनोपायेन व्युत्पाद्यन्ते। =जिसकी प्रभा शर्करा के समान है वह शर्कराप्रभा है।...इस प्रकार नाम के अनुसार व्युत्पत्ति कर लेनी चाहिए। (ति.प./२/२१); (रा.वा./३/१/३/१५९/१८); (ज.प./११/१२१)।
- शर्कराप्रभा पृथिवी का लोक में अवस्थान। देखें - नरक / ५ / ११ ;
- शर्कराप्रभा पृथिवी का नकशा। देखें - लोक / २ / ८ ।