कर्मान्वयक्रिया
From जैनकोष
श्रावकों की त्रिविध क्रियाओं में तीसरे प्रकार की क्रिया—अपरनाम कर्त्रन्वयक्रिया । ये सद्गृहित्व को आदि लेकर सिद्धि पर्यन्त सात होती है । महापुराण 63. 302, 305 दे 0 कर्त्रन्वयाक्रिया
श्रावकों की त्रिविध क्रियाओं में तीसरे प्रकार की क्रिया—अपरनाम कर्त्रन्वयक्रिया । ये सद्गृहित्व को आदि लेकर सिद्धि पर्यन्त सात होती है । महापुराण 63. 302, 305 दे 0 कर्त्रन्वयाक्रिया