कलियुग
From जैनकोष
वर्द्धमान के निर्वाण के बाद तीन वर्ष, आठ मास, पन्द्रह दिन वीत जाने पर आने वाला काल । वृषभदेव के समवसरण की दिव्य ध्वनि के अनुसार इसमें जनसमूह प्राय: हिंसोपदेशी, महारम्भों में लीन, जिनशासन का निन्दक, निर्ग्रन्थ मुनि को देख क्रोध करने वाला, जातिमद से युक्त, भ्रष्ट और समीचीन मार्ग का विरोधी होगा । महापुराण 41. 47, पद्मपुराण 4.116-120