दिगम्बर
From जैनकोष
निर्ग्रन्थ मुनि । ये उद्दिष्ट आहार के त्यागी, तृष्णारहित, जितेन्द्रिय, शरीर की स्थिति मात्र के लिए मौन पूर्वक आहारग्राही, धर्माचरणी, देह से निस्पृही और प्राणियो पर दया करने वाले होते हैं । पद्मपुराण 4.91-100
निर्ग्रन्थ मुनि । ये उद्दिष्ट आहार के त्यागी, तृष्णारहित, जितेन्द्रिय, शरीर की स्थिति मात्र के लिए मौन पूर्वक आहारग्राही, धर्माचरणी, देह से निस्पृही और प्राणियो पर दया करने वाले होते हैं । पद्मपुराण 4.91-100