दिग्गजेन्द्र
From जैनकोष
देव विशेष । ये विदेहक्षेत्र में भद्रशाल वन के कूटों पर निवास करते हैं । रुचकवरगिरि की चारों दिशाओं में चार देव—पद्मोत्तर, स्वहस्ती, नीलक और अजनगिरि रहते हैं । ये चारों देव भी दिग्गजेन्द्र कहलाते हैं । इनकी आयु एक पल्य प्रमाण होती है । हरिवंशपुराण 5.205-209, 699-703