प्रतीन्द्र
From जैनकोष
इन्द्र के अधीन सर्वोच्चपद धारी देव । धर्माराधन पूर्वक विशिष्ट तपस्या करने से जीव ऐसा देव होता है । महापुराण 7.32, 79, 10. 141
इन्द्र के अधीन सर्वोच्चपद धारी देव । धर्माराधन पूर्वक विशिष्ट तपस्या करने से जीव ऐसा देव होता है । महापुराण 7.32, 79, 10. 141