सहस्रभाग
From जैनकोष
रत्नपुर नगर के श्रेष्ठी गोमुख और उसकी पत्नी धरणी का पुत्र । इसने सम्यग्दर्शन प्राप्त कर अणुव्रत धारण किये थे । अन्त में यह मरकर शुक्र स्वर्ग में देव हुआ । पद्मपुराण 13.60-61
रत्नपुर नगर के श्रेष्ठी गोमुख और उसकी पत्नी धरणी का पुत्र । इसने सम्यग्दर्शन प्राप्त कर अणुव्रत धारण किये थे । अन्त में यह मरकर शुक्र स्वर्ग में देव हुआ । पद्मपुराण 13.60-61