छन्वीविचिति
From जैनकोष
छन्दशास्त्र । यह अनेक अध्यायों का ग्रन्थ है । इन अध्यायों में प्रस्तार, नष्ट, उद्दिष्ट, लघु, गुरू, यति और अध्वयोग का वर्णन है । वृषभदेव ने अपने पुत्रों को इसकी शिक्षा दी थी । महापुराण 16. 113-114
छन्दशास्त्र । यह अनेक अध्यायों का ग्रन्थ है । इन अध्यायों में प्रस्तार, नष्ट, उद्दिष्ट, लघु, गुरू, यति और अध्वयोग का वर्णन है । वृषभदेव ने अपने पुत्रों को इसकी शिक्षा दी थी । महापुराण 16. 113-114