दिक्कनंदन
From जैनकोष
रुचकवर पर्वत की पूर्व दिशा का पांचवां कूट । यह दिक्कुमारी नन्दा देवी की निवासभूमि है । हरिवंशपुराण 5.705-706
रुचकवर पर्वत की पूर्व दिशा का पांचवां कूट । यह दिक्कुमारी नन्दा देवी की निवासभूमि है । हरिवंशपुराण 5.705-706