अश्विनी व्रत
From जैनकोष
वसुनन्दी श्रावकाचार 366-367/ भावार्थ - कुल समय = 1 वर्ष; उपवास = 28. विधि = अश्विनी नक्षत्रमें व्रतविधिको प्रारम्भ करके आगे 27 नक्षत्रोंमें प्रत्येक अश्विनी नक्षत्रपर एक उपवास करे।
वसुनन्दी श्रावकाचार 366-367/ भावार्थ - कुल समय = 1 वर्ष; उपवास = 28. विधि = अश्विनी नक्षत्रमें व्रतविधिको प्रारम्भ करके आगे 27 नक्षत्रोंमें प्रत्येक अश्विनी नक्षत्रपर एक उपवास करे।