ईशानेंद्र
From जैनकोष
ईशान स्वर्ग का इन्द्र । यह जिनेन्द्र पर छत्र लगाये रहता है । यह कलशोद्वार मंत्र काज्ञाता तथा सौधर्मेन्द्र के साथ जिनाभिषेक का कर्ता होता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 8. 103, 9. 8-9,
ईशान स्वर्ग का इन्द्र । यह जिनेन्द्र पर छत्र लगाये रहता है । यह कलशोद्वार मंत्र काज्ञाता तथा सौधर्मेन्द्र के साथ जिनाभिषेक का कर्ता होता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 8. 103, 9. 8-9,