जिनशासन
From जैनकोष
जिनागम द्वारा निरूपित शासन । यह सम्यक्त्व का प्रतिपादक है । नय और प्रमाण से सिद्ध होने से अजेय हे और कर्मनाश के द्वारा मोक्ष का साधक है । महापुराण 1.3, हरिवंशपुराण 65.51
जिनागम द्वारा निरूपित शासन । यह सम्यक्त्व का प्रतिपादक है । नय और प्रमाण से सिद्ध होने से अजेय हे और कर्मनाश के द्वारा मोक्ष का साधक है । महापुराण 1.3, हरिवंशपुराण 65.51