निकल
From जैनकोष
कार्तिकेयानुप्रेक्षा 198 स-सरीरा अरहंता केवल-णाणेण मुणिय सयलत्था। णाणसरीरा सिद्धा सव्वुत्तम-सुक्खसंपत्ता। 198। = केवलज्ञान से जान लिये हैं सकल पदार्थ जिन्होंने ऐसे शरीर सहित अर्हंत तो सकल परमात्मा हैं और सर्वोत्तम सुख की प्राप्ति जिन्हों को हो गयी है तथा ज्ञान ही है शरीर जिनके ऐसे शरीर रहित सिद्ध निकल परमात्मा हैं।
निकल परमात्मा–देखें परमात्मा - 1।