निष्क्रमण
From जैनकोष
वैराग्यबुद्धिपूर्वक दीक्षा के लिए तीर्थंकरों के घर से निकलने तथा दीक्षा धारण करने पर होने वाला देवकृत विशिष्ट नृत्य । इसमें देवियां तीर्थंकरों के निष्क्रमण का प्रदर्शन करती है । इसका अपरनाम निष्क्रांति कल्याणक है । महापुराण 14.134, 48. 37, पद्मपुराण 3. 273, 278, हरिवंशपुराण 2.55