प्रेक्षाशाला
From जैनकोष
समवसरण में गोपुरों के आगे वीथियों की दोनों ओर निर्मित तीन-तीन खंड की नाट्यशालाएँ । इनमें बत्तीस-बत्तीस देव-कन्याएँ नृत्य करती है । महापुराण 22.260, हरिवंशपुराण 57.27-93
समवसरण में गोपुरों के आगे वीथियों की दोनों ओर निर्मित तीन-तीन खंड की नाट्यशालाएँ । इनमें बत्तीस-बत्तीस देव-कन्याएँ नृत्य करती है । महापुराण 22.260, हरिवंशपुराण 57.27-93