ईर्या
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ६/४/३२१/१ ईरणमीर्या योगो गतिरित्यर्थः।
= ईर्याकी व्युत्पत्ति ईरणं होगी। इसका अर्थ गति है।
( राजवार्तिक अध्याय संख्या ६/४/६/५०८/१७)
धवला पुस्तक संख्या ३/५,४,२४/४७/१० ईर्या योगः।
= ईर्याका अर्थ योग है।