राजत
From जैनकोष
रजतमय विजयार्द्ध पर्वत । इसके नौ शिखर हैं जो मणियों से निर्मित हैं । इसके शिखर भाग से झरने जरते हैं । यहाँ नाम, नागकेसर और सुपारी के सुंदर वृक्ष है । दिग्विजय के समय भरतेश यहाँ ससैन्य आये थे । महापुराण 31.14-11
रजतमय विजयार्द्ध पर्वत । इसके नौ शिखर हैं जो मणियों से निर्मित हैं । इसके शिखर भाग से झरने जरते हैं । यहाँ नाम, नागकेसर और सुपारी के सुंदर वृक्ष है । दिग्विजय के समय भरतेश यहाँ ससैन्य आये थे । महापुराण 31.14-11