शास्त्रज्ञान
From जैनकोष
पंचाध्यायी / उत्तरार्ध श्लोक 616
वृद्धैः प्रोक्तमतः सूत्रे तत्त्वं वागतिशायि यत्। द्वादशांगांगबाह्यं वा श्रुतं स्थूलार्थगोचरम्।
= इसलिए पूर्वाचार्यों ने सूत्र में कहा है कि जो तत्व है वह वचनातीत है और द्वादशांग तथा अंग बाह्यरूप शास्त्र-श्रुत ज्ञान स्थूल पदार्थ को विषय करने वाला है। अधिक जानकारी के लिए देखें आगम ।