निर्वर्ग
From जैनकोष
गोम्मटसार कर्मकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/960/1187/11/ निर्वर्गं सर्वथा असदृशं। =जो सर्वथा असदृश हो उसे निर्वर्ग कहते हैं।
गोम्मटसार कर्मकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/960/1187/11/ निर्वर्गं सर्वथा असदृशं। =जो सर्वथा असदृश हो उसे निर्वर्ग कहते हैं।