चार
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
चार की संख्या कृति कहलाती है–देखें कृति ।
पुराणकोष से
गुप्तचर । ये राजा की आँख होते हैं । महापुराण 4.170, हरिवंशपुराण 50.11
चार की संख्या कृति कहलाती है–देखें कृति ।
गुप्तचर । ये राजा की आँख होते हैं । महापुराण 4.170, हरिवंशपुराण 50.11