प्रसेनजित्
From जैनकोष
(1) तेरहवें मनु (कुलकर) । इनकी पर्व प्रमित आयु थी और शरीर की ऊँचाई पाँच सौ धनुष की थी । जरायुपटल में दूर करने की विधि इन्होंने लोगों को बनायी थी ये अपने पिता मरुदेव के अकेले पुत्र थे । मरुदेव के पहले युगल संतान हुई थी । उस समय लाशों को पसीना आने लगा था । इनका विवाह विवाह-विधि से संपन्न हुआ । अंतिम कुलकर नाभिराय इन्हीं के पुत्र थे । महापुराण 3.146-151, पद्मपुराण 3.87, हरिवंशपुराण 7.165-170, पांडवपुराण 2.103-106
(2) कृष्ण का सोलहवाँ पुत्र । हरिवंशपुराण 48.69-72