सुरूप
From जैनकोष
(1) व्यंतर देवों का तेरहवाँ इंद्र । वीरवर्द्धमान चरित्र 14.61
(2) एक व्यंतर देव । यह इस योनि से निकलकर पुष्पभूति हुआ था । महापुराण 63. 278-279, पद्मपुराण 5.123-124
(3) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.184