संभावना सत्य
From जैनकोष
मूलाचार/309-313 जणपदसच्चं .....311। संभावणा य सच्चं जदि णामेच्छेज्ज एव कुज्जंति। जदि सक्को इच्छेज्जो जंबूदीवं हि पल्लेत्थे।312। ....313। जो सब भाषाओं .....।311। जैसी इच्छा रखे वैसा कर सके वह संभावना सत्य है। जैसे इंद्र इच्छा करे तो जंबूद्वीप को उलट सकता है।312। .....
अधिक जानकारी के लिये देखेंदेखें सत्य - 6।