कुंडलमंडित
From जैनकोष
विदग्धनगर के राजा प्रकाशसिंह और उसकी रानी प्रवरावली का पुत्र । इसने राजा अनरण्य के राज्य पर कई बार आक्रमण किया । इससे खिन्न होकर अनरण्य ने अपने सेनापति बालचंद्र के द्वारा इसे अपने राज्य से बाहर निकलवा दिया । एक मुनि से इसने धर्मोंपदेश सुना । सम्यक्त्वी होकर यह मरा और जनक की रानी विदेहा के गर्भ में आया । यही जनक का पुत्र भामंडल हुआ । पद्मपुराण 26.13-15, 46-112, 148